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संज्ञा के भेद, प्रकार, उदाहरण, महत्वपूर्ण प्रश्न Sangya in Hindi

संज्ञा के भेद, प्रकार, उदाहरण, महत्वपूर्ण प्रश्न Sangya in Hindi

संज्ञा की परिभाषाः Sangya in Hindi

निष्पत्ति/व्युत्पत्ति/रचनाः- सम् ‘उपसर्ग’ +  ज्ञा ‘धातु’ 
अर्थ/तात्पर्यः- सम्यक्/उचित + ज्ञान/जानकारी 

परिभाषाः- किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाति, भाव, समूह इत्यादि के नाम को संज्ञा कहते हैं।

संज्ञा के भेदः- 1.सादृश्यता के आधार परः- 

क. मूर्त संज्ञाः- ये संज्ञा दृश्यमान तथा स्पश्र्यमान होती है। भेदः- 1. व्यक्तिवाचक तथा 2. जातिवाचक 
ख. अमूर्त संज्ञाः- इसे देखा व छुआ नहीं जा सकता है, ये केवल संवेदनीय होती है। इस भाववाचक संज्ञा भी कहते हैं। 

संज्ञा के मुख्य भेदः


संज्ञा के मुख्य भेदः- 1, व्यक्तिवाचक संज्ञा, 2. जातिवाचक संज्ञा तथा 3. भाववाचक संज्ञा 
अन्य भेदः- क. पदार्थ/द्रव्यवाचक संज्ञा तथा ख. समूह/समुदायवाचक संज्ञा 

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा क्या है? 

व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषाः

व्यक्तिवाचक संज्ञाः किसी विशिष्ट व्यक्ति, वस्तु, स्थान इत्यादि के नाम को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। 

नोटः इनका वचन, लिंग तथा कारकीय ‘परसर्गीय’ रूपान्तरण नहीं होता है। इनसे किसी मूर्त संज्ञा का बोध होता है।

व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण

सभी स्त्री-पुरूषों का नाम
सभी महाद्वीपों, द्वीपों, राज्यों, क्षेत्रों, शहरों, गाँवो तथा गली मोहल्लों के नाम
सभी महासागरों, सागरों, खाड़ियों, झीलों तथा जलाशयों के नाम
सभी धर्मो, पन्थों तथा सम्प्रदायों के नाम
सभी ग्रन्थों, शास्त्रों, साहित्यों 
सभी पर्वतों, पहाड़ियों, घाटियों, दर्रो, पठारों, तथा शिखरों के नाम
सभी खेलों के नाम 
सभी उपधियों तथा पुस्कारों के नाम
सभी ग्रहों उपग्रहों तथा खगोलीय पिण्डों के नाम

2. जातिवाचक संज्ञा क्या है?


 जातिवाचक संज्ञा- किसी वस्तु, प्राणी या स्थान के वर्ग। समूह का बौध कराने शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। 
नोटः इन संज्ञाओं का वचन, लिंग तथा कारकीय ‘परसर्गीसि’ रूपान्तरण होता है, तथा ये किसी मूर्त संज्ञा के ही बोधक होती है।

जातिवाचक संज्ञा के उदारहण

सभी प्राणी वर्गो के नामः पशु, पक्षी, कीट, पतंग, पादप, सरिसृप, जलचर 
सभी पशु-पतंगों के नाम 
सभी कीट-पतंगों के नाम
सभी वृक्षों, झाड़ियों, बंलों तथा शाकों के नाम
सभी अनाजों, दलहनों, तिलहनों तथा रेशों के नाम
सभी फलों, फूलों, मेवों तथा सब्जिया केें नाम
सभी पाइपीय अवयवों के नाम
सभी शारीरिक अंगो के नाम
सभी शस्तु अवयवों के नाम
सभी सरिसृपों तथा जलचरों के नाम
सभी परिधनों आभूषनों तथा  सौंदर्यप्रसाधनों के नाम
सभी औजारों, उपकरणों तथा हथियारों के नाम
सभी आवागमन के साधनों के नाम
सभी व्यक्तिगत के साधनों के नाम
सभी पदवियों व व्यवसायों संबंधों के नाम
सभी पाठ्य व लेखन सामग्रियों के नाम
सभी मसालों तथा वनौषधियों के नाम
सभी भौगोलिक परिदृश्यों के नाम 

जातिवाचक संज्ञा के भेद

अ. पदार्थ/द्रव्यवाचक संज्ञा ब. समूह/समुदायवाचक संज्ञा

अ. पदार्थ/द्रव्यवाचक संज्ञा 

सभी धात्विक खनिजों के नाम
सभी अधात्कि खनिजों के नाम
सभी खाद्य तथा पेय पदार्थें के नाम 
सभी रासायनिक रंगों के नाम

ब. समूह/समुदायवाचक 

परिवार, समाज, समुदाय, समूह, सभा, समिति, कक्षा, सेना, दल, पलटन, बटालियन, मण्डली, टोली, जनसैलाब, हुजूम, भीड़, मेला, जत्था, गुच्छा, रेवड़, मवेशी, संघ, जन, जनता, प्रजा, लोग, वृन्द, गण, क्रान्ति, आन्दोलन, रैली, जुलूस, जलसा, पंक्ति, कतार, झण्ड, .........। और शब्दों को कमेंनट करे

3. भाववाचक  संज्ञा क्या है?

भाववाचक संज्ञाः किसी संवेग, संवेदना या अनुभूति का बोध कराने वाले शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। 
 
भेदः अ. मूल/रूढ़ भाववाचक संज्ञा तथा ब. रूपान्तरित/यौगिक भववाचक

अ. मूल/रूढ़ भाववाचक संज्ञाः

किसी अमूर्त तथा आत्मगत सत्ता का बोध कराने वाले वाले शाब्दों को मूल भाववाचक संज्ञाकहते हैं। 
प्रेम, स्पद्र्धा, गर्व, ग्लानि, घमण्ड, शर्म, लज्जा, घृणा, घिन्न, पश्चाताप, छल, धोखा, लोभ, लालच, ईष्र्या, जलन, डाह, दया, करूणा, कृण, ढर्द, सुख, दुख, हर्ष, विषाद, विश्वास, आस्था, उमंग, हिम्मत, साहस, जोश, चेतना, नींद, भूख, प्यास, ......।

ब. रूपान्तरित/यौगिक भववाचक


जो शब्द किन्हीं अन्य शब्दों से रूपान्तरित होकर भाव संज्ञक बनते हैं, उन्हें रूपान्तरित भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

1. व्यक्तिवाचक से भाववाचक रूपान्तरणः 

 राम    रामत्व 
कृष्ण    कृष्णत्व
शिव     शिवत्व
विष्णु     विष्णुत्व 

2. जातिवाचक से भाववाचक रूपान्तरणः 

माता   मातृत्व 
पिता    पितृत्व 
भ्राता    भ्रातृत्व
भाई    भाईचारा
शत्रु    शत्रुता
मित्र     मित्रता, मित्रत्व
गुरु      गुरुता, गुरुत्व
लड़का    लड़कपन
मानव    मानवता
स्त्री     स्त्रीत्व

3. सर्वनामों से भाववाचक संज्ञा रूपान्तरण


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